ग्रामीण जल परिषद का लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2025 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है।

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ग्रामीण जल परिषद क्या है?

ग्रामीण जल परिषद एक संस्था है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधनों के प्रबंधन और सुधार के लिए कार्य करती है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में पानी की गुणवत्ता और उपलब्धता को बढ़ाना है।

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ग्रामीण जल परिषद क्या है?

इस परिषद का गठन उन समस्याओं के समाधान के लिए किया गया था, जिनका सामना गाँवों में रहने वाले लोग करते हैं। इसे सुनिश्चित करने के लिए कि हर परिवार को सुरक्षित पेयजल मिले, कई योजनाएँ बनाई गई हैं।

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Core Value 1

इन सभी प्रकार की परिषदें अपने-अपने तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को हल करने का प्रयास करती हैं, जिससे हर घर तक पहुंचना संभव हो सके।

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Core Value 2

तीसरा एकीकृत प्रणाली आधारित जल परिषद भी महत्वपूर्ण है। इसमें सतही पानी और भूजल दोनों का सदुपयोग किया जाता है ताकि पूरे गांव को सुरक्षित पेयजल मिल सके।

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Core Value 3

दूसरा प्रकार सरकारी जल परिषद होती है। इसमें सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किए जाते हैं। सरकारी योजनाएं जैसे 'नल-जल योजना' इसके अंतर्गत आती हैं जिसमें तकनीकी सहायता एवं वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जाता है।

ग्रामीण जल परिषद का लक्ष्य

2025 तक सभी गांवों में यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस योजनाएं बनाई जा रही हैं कि हर व्यक्ति को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल मिल सके। आइए जानते हैं ग्रामीण जल परिषद क्या है और इसके विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चर्चा करते हैं।

सतत विकास: जल स्रोतों के सतत विकास को बढ़ावा देना, ताकि लंबे समय तक पानी की उपलब्धता बनी रहे।

ग्रामीण जल परिषद के प्रकार

ग्रामीण जल परिषद के विभिन्न प्रकार हैं, जो विभिन्न आवश्यकताओं और परिस्थितियों के आधार पर काम करते हैं।

Unique Value Proposition 1

एक प्रमुख प्रकार है, समुदाय आधारित जल परिषद। इसमें स्थानीय लोग अपनी जरूरतों को पहचानते हैं और उन समस्याओं का समाधान निकालने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। यह तरीका न केवल स्वामित्व की भावना बढ़ाता है, बल्कि दीर्घकालिक स्थायित्व भी सुनिश्चित करता है।

Unique Value Proposition 2

दूसरा प्रकार सरकारी जल परिषद होती है। इसमें सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किए जाते हैं। सरकारी योजनाएं जैसे 'नल-जल योजना' इसके अंतर्गत आती हैं जिसमें तकनीकी सहायता एवं वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जाता है।

Unique Value Proposition 3

तीसरा एकीकृत प्रणाली आधारित जल परिषद भी महत्वपूर्ण है। इसमें सतही पानी और भूजल दोनों का सदुपयोग किया जाता है ताकि पूरे गांव को सुरक्षित पेयजल मिल सके।

ग्रामीण जल परिषद समुदायों को पानी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर संगठित तरीके से काम करने में मदद करती है और पानी के सतत उपयोग को सुनिश्चित करती है।

" "ग्रामीण जल परिषद" (Rural Water Council) का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्याओं का समाधान करना और जल प्रबंधन को सुदृढ़ करना है। यह परिषदें आमतौर पर निम्नलिखित कार्यों पर ध्यान केंद्रित करती हैं:

स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की समस्या को हल करना, ताकि लोगों को सुरक्षित पानी उपलब्ध हो सके।

सामुदायिक सहभागिता: स्थानीय समुदायों को जल प्रबंधन योजनाओं में सम्मिलित करना, ताकि वे जल स्रोतों का सही तरीके से उपयोग और रखरखाव कर सकें।

इन सभी प्रकार की परिषदें अपने-अपने तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को हल करने का प्रयास करती हैं, जिससे हर घर तक पहुंचना संभव हो सके।

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